corona kavita
“करोना प्यार है”
जा तुझे ब्लॉक कर दिया ,तुझे ऑनलाइन गाड़ दिया
‘मोहब्बत’ ले मैं अपना हाथ झार लिया
किसी ने हनुमान से पूछा था राम से प्यार करते हो ,
मैने मुसलमान से पूछा हिंदुस्तान से प्यार करते हो और उसने भी अपना छाती फार दिया
एक ना तमाशा दिल दिया और इश्क़ का भारी पहाड़ दिया ।
तूने दिल को छुया था और #सेनेटाइजर था नही, मैने उसे धड़कता हुआ गार दिया
हम गरीब गुरबों को बस सियासत ने भात मार दिया
और बदले में मैंने अपना शहंशाहों को *** दिया
इतनी नफरत है की मैने कैलेंडर से फरवरी का महीना ही फार दिया
मैंने टिंडर विंडर से अपना पल्ला भी झाड़ लिया ,
जिस नफरत के कारण हमने दिल्ली में घरो को उजाड़ दिया ,
उसी नफरत के कारण हिन्दुस्तान चाइना से लड़ाई में अट्ठाइस दिल्ली के बराबर की जमीन हार गया,
तेरे साथ वाली तस्वीर को मैंने बीचो बीच फार दिया,
तेरा दिया हुआ लॉकेट मैंने कूड़े के ताजमहल में गार दिया
इंडिया में आजकल हर कुछ फॉग है या दिल्ली में स्मोग है या #करोना का रोग है
सीरिया के मरती हुई उस बच्ची ने कहा था अल्लाह को सब बताउंगी ,
corona hindi poem
लगता है अल्लाह को उसने सब बताया और अल्लह ने कोरोना का अज़ाब डाल दिया
और तुम्हे क्या लगता है निर्भया ने अपने रेपिस्ट को छोड़ दिया
सात साल तक रोज उसके अंदर रॉड **मरने से पहले उसकी इतनी फट गई की उसने नहाना खाना तक छोड़ दिया
ये मत समझना की जो तुमने किया है उसने तुम्हारा पीछा छोड़ दिया नेहरू की सत्तर साल पहले की गलती ने आज कश्मीर को सुलगता छोड़ दिया(उन्होंने पटेल की बात नही मानी थी)
कोरोना के डर से साँपो ने डसना नही, बस बिलो से निकलना छोड़ दिया
नफरत पे बस दस दिन का ब्रेक लगा इसका मतलब ये मत समझना की मैंने नफरत करना छोड़ दिया
#कोरोना का इलाज करुणा है,#कोरोना ने कहा है नफरत करो-ना .
…हद है कल एक भीड़ में एक आदमी खाँस दिया तो भीड़ ने उसे फोड़ दिया
चाइना ने अपनी तैयारी से इस महामारी का रुख मोर दिया
और हमारे यहाँ तो Big_Bazar ने सेनेटाइजर तक रखना छोड़ दिया
उस सैनिको को नमन करते हो न जो सियाचिन में एक मिनट तक अपनी जगह नही छोड़ते,
तुम्हे तो देश के लिए घर पर बैठना था और तुमने वहाँ भी अपने फ़र्ज़ से मुँह मोर लिया
कविता को Youtube पे सुनने के लिए इस लिंक पे क्लिक करें. अमित चौधरी वर्क्स कोरोना प्यार है
तुम मानो बम हो अगर खाँसी छुपा रहे हो,
तुम मानो बम हो अगर दोस्तो से मिलने जा रहे हो ,
तुम मानो बम हो अगर रास्ते में मोबाइल और लोगो को छुये जा रहे हो,
तुम मानो बम हो अगर बिना हाथ धोये नाक आँख खुजा रहे हो ,
corona poem in hindi
तुम मानो बम अगर बाहर जाकर अभी इकॉनमी बचा रहे हो,
तुम मानो बम हो अगर सिर्फ 22 तारीख को सिर्फ घर पे रहो
और बाकी दिन इटली वालो की तरह पिकनिक मना रहे हो,
तुम मानो बम हो अगर उसी मास्क को अगर धो के,सूखा के बार-बार लगा रहे हो।
कल भी देखना लोग अपने नौकरो को बुलाएँगे कल भी देखना लोग ताली बजायेंगे और भूल जाएँगे।
कल भी देखना दुकानदार पैसा बनाएँगे, कल भी देखना लोग #कोरोना की कॉलर ट्यून का मज़ाक उड़ाएँगे
एक बार अगर फैल गया तो हम कंट्रोल नही कर पाएँगे
जो सबसे आसान है वो ये है की हम घर से बाहर नही जाएंगे
ऐसा करो ना इस छुट्टी में अपने माँ बाप से पुराने दिनों की बात करो ना
ऐसा करो ना इन छुटियों में किसी नए काम की शुरुआत करो ना
ऐसे करो ना इन छुटियों में उस पुराने दोस्त से फ़ोन पे बात करो ना
और डाइटिंग और डायरी राइटिंग की शुरुआत करो ना
ऐसा करो ना इन छुटियों में किसी टॉपिक पे रिसर्च कर डालो,
ऐसा करो ना इन छुटियों में कुछ ख्वाब देखो और अगले महीने जब हम कोरोना से जीत जाएँगे तो उन्हें सच कर डालो।
इससे पहले की कोई निर्भया कहे की मुझे जीना है ‘माँ’
या मुझे जीना है ‘अम्मी’ इससे पहले उसे बचा लो*
—————-अमित_चौधरी——————-
अमित चौधरी पिछले 10 सालो से कवितायें लिख रहे हैं. उन्होंने एक अंग्रेजी नावेल भी लिखी हुई है. पाठक अमित चौधरी के कविताओं को youtube पर भी देख सकते हैं. कृपया यहाँ क्लिक करें
corona virus poem in hindi
कोरोना तुम्हे दूर भगाना है
मानवता के दुश्मन तुम हो
तुमको दुनिया से मिटाना है
कई बचे हैं औरो को बचाना है
हमको कोरोना को लड़ने में सरकार का साथ निभाना है
नमस्ते करना है हमने नहीं हाथ मिलाना है
बच्चो और दादा दादी को बहार नहीं ले जाना है
इस लड़ाई को हमको मिलके जितना और जिताना है
Poem about coronavirus in Hindi
मम्मी तुम कहो ना पापा आप चुप हो जाइये
अब हम बाहर नहीं जायेंगे अंदर ही खाना खाइये
कोरोना किसी की नहीं सुनता है
खुद को बचिए और दुसरो को बचाइये