Mira bai | Bhajan Lyrics
बाला मैं बैरागन हूंगी
बाला मैं बैरागन हूंगी – २
जिन भेषा मेरो साहब रीझे
सोहि भेष धरूंगी
बाला मैं बैरागन हूंगी
कहो तो कुसुमल साड़ी रंगावा
कहो तो भगवा भेष
कहो तो मोतियन मांग भरावा
कहो छिटकावा केश
बाला मैं बैरागन हूंगी
प्राण हमारा वह बसत है
यहाँ तो खाली खोड़
मात पिता परिवार सहूँ है
कही ये दिन का तोड़
बाला मैं बैरागन हूंगी
बाला मैं बैरागन हूंगी – २
जिन भेषा मेरो साहब रीझे
सोहि भेष धरूंगी
बाला मैं बैरागन हूंगी
स्वर – वाणी जयराम
संगीत – पंडित रवि शंकर
फिल्म – मीरा बाई
Mere to girdhar gopal
मेरे तो गिरधर गोपाल| Bhajan lyrics Meera Bai video
मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो ना कोई
जाके सर मोर-मुकुट, मेरो पति सोई
कोई कहे कारो,कोई कहे गोरो
लियो है अँखियाँ खोल
कोई कहे हलको,कोई कहे भारो
लियो है तराजू तौल
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो ना कोई
कोई कहे छाने,कोई कहे छुवने
लियो है बजन्ता ढोल
तन का गहना मैं सब कुछ दीन्हा
लियो है बाजूबंद खोल
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो ना कोई
असुवन जल सींच-सींच प्रेम बेल बोई
अब तो बेल फ़ैल गयी
आनंद फल होई
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो ना कोई
तात-मात भ्रात बंधू
आपणो ना कोई
छाड़ गयी कुल की कान
का करीहे कोई?
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो ना कोई
चुनरी के किये टोक
ओढली लिए लोई
मोती-मूंगे उतार
बन-माला पोई
मेरे तो गिरधर गोपाल
दूसरो ना कोई
फिल्म – मीरा बाई
संगीत – पंडित रवि शंकर
स्वर – वाणी जयराम
Mira bai bhajan Lyrics
किणु संग खेलूं होली, पिया तज गए हैं अकेली
माणिक मोती सब हम छोड़े, गल में पहनी सेली
भोजन भवन बलो नहीं लागे, पिया कारण भई रे अकेली,
मुझे दूरी क्यों मेलि, पिया तज गए हैं अकेली
किणु संग खेलूं होली…
अब तुम प्रीत अवरसो जोड़ी, हम से करी क्यों पहेली
बहु दिन बीते अजहू आ आये, लगा रही ताला बेली
कीनू दिलमा ये हेली, पिया तज गए हैं अकेली
किणु संग खेलूं होली…
श्याम बिना जीयड़ो मुरझावे, जैसे जल बिन बेली
मीरा को प्रभु दर्शन दीजो, मैं तो जनम जनम की चेली
दरश बिना खड़ी दोहेली, पिया तज गए हैं अकेली
किणु संग खेलूं होली…
स्वरलता मंगेशकर
कविमीरा बाई
श्रेणीकृष्ण भजन
करम की गति न्यारी न्यारी ।
karam ki gati nyari nyaari |
Mira Bai Bhajan video
करम की गति न्यारी न्यारी ।
बड़े बड़े नयन दिए मिरगन को,
बन बन फिरत उधारी॥
उज्वल वरन दीन्ही बगलन को,
कोयल लार दीन्ही कारी॥
औरन दीपन जल निर्मल किन्ही,
समुंदर कर दीन्ही खारी॥
मूर्ख को तुम राज दीयत हो,
पंडित फिरत भिखारी॥
मीरा के प्रभु गिरिधर नागुण
राजा जी को कौन बिचारी॥
स्वर लता मंगेशकर
कवि मीरा बाई
श्रेणी विविध भजन
he ri mai to prem diwani | Meera Bai poetry
हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय
हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय।
दरद की मारी बन बन डोलूं बैद मिल्यो नही कोई॥
ना मैं जानू आरती वन्दन, ना पूजा की रीत।
लिए री मैंने दो नैनो के दीपक लिए संजोये॥
घायल की गति घायल जाणै, जो कोई घायल होय।
जौहरि की गति जौहरी जाणै की जिन जौहर होय॥
सूली ऊपर सेज हमारी, सोवण किस बिध होय।
गगन मंडल पर सेज पिया की, मिलणा किस बिध होय॥
दरद की मारी बन-बन डोलूं बैद मिल्या नहिं कोय।
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी जद बैद सांवरिया होय॥
कवि मीरा बाई