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Khamoshi Shayari In Hindi
मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,
तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं.
हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,
हर नाकामी का मतलब हार नही होता,
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता.
खामोशी शायरी
चलो अब जाने भी दो,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हम से होगा नहीं.
राज खोल देते हैं,
नाजुक से इशारे अक्सर,
कितनी ख़ामोश
मोहब्बत की जुबान होती हैं.
खामोशी शायरी
रात गम सुम है मगर खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं.
Uski Khamoshi Shayari
उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई,
बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई.
मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,
जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया.
बोलने से जब अपने रूठ जाए,
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।
लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है,
उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है.
मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है,
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है.
खामोशी शायरी
बातों को कोई न समझे
बेहतर है खामोश हो जाना।
तेरी खामोशी, अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है.
khamoshi whatsapp status in hindi
उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई,
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई.
दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है,
ऐ दोस्त, कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है.
जब खामोशी कमजोर हो जाती है,
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है.
वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।
जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की मर्जी हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.
जब कोई बाहर से खामोश होता है,
तो अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं.
Uski Khamoshi Shayari
चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी परक्षाई की तरह.
ख़ामोशी शायरी
ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है कई बातें.
Dost ki Khamoshi Shayari
दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,
चेहरे पर मुस्कान दी और अकेले में आंसू बहाया।
मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया,
घर की जरूरतों ने चेहरे पर खामोशी ही लाया।
Khamoshi Shayari For WhatsApp and Facebook in Hindi
Kisi ki Khamoshi Shayari
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,
हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम हमें भुलाओगे.
ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
हमने तो गैर का दिल दुखाया न था.
इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोलने लगते हैं.
खामोशी शायरी
जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं.
Aapki Khamoshi Shayari
जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं,
दिल ना चाह कर भी, ख़ामोश रह जाता हैं,
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं,
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता हैं.
जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं.
दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं,
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं.
ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना.