स्वस्तिप्रजाभ्यः परिपालयन्तां न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः।
गोब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु॥
Hindi Translation:
सभी लोगों की भलाई शक्तिशाली नेताओं द्वारा कानून और न्याय के साथ हो।
सभी दिव्यांगों और विद्वानों के साथ सफलता बनी रहे और सारा संसार सुखी रहे।
Sanskrit Shlok Hindi Arth Sahit

Sanskrit Quote on Attaining Nirvana
विवेकख्यातिरविप्लवा हानोपायः।
रंतर अभ्यास से प्राप्त निश्चल और निर्दोष विवेकज्ञान हान(अज्ञानता) का उपाय है
Sanskrit Quote on Animals and Compassion
चन्दनं शीतलं लोके,चन्दनादपि चन्द्रमाः !
चन्द्रचन्दनयोर्मध्ये शीतला साधुसंगतिः !!

इस दुनिया में चन्दन को सबसे अधिक शीतल माना जाता है पर चन्द्रमा चन्दन से भी शीतल होती है लेकिन एक अच्छे दोस्त चन्द्रमा और चन्दन से शीतल होते है.
अयं निजः परो वेति गणना लघु चेतसाम् !
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् !!
Hindi Meaning- यह मेरा है और यह तेरा है, ऐसी सोच छोटे विचारो वाले लोगो की होती है. इसके विपरीत उदार रहने वाले व्यक्ति के लिए यह पूरी धरती एक परिवार की तरह होता है.
पुस्तकस्था तु या विद्या, परहस्तगतं च धनम् !
कार्यकाले समुत्तपन्ने न सा विद्या न तद् धनम् !!
Hindi Meaning : किताब में रखी विद्या व दूसरे के हाथो में गया हुआ धन कभी भी जरुरत के समय काम नहीं आते.
जीवेषु करुणा चापि मैत्री तेषु विधीयताम् ।
जीवों पर करुणा एवं मैत्री कीजिये।
Sanskrit Quote on Self Reliance
सर्वं परवशं दुःखं सर्वमात्मवशं सुखम्।
एतद् विद्यात् समासेन लक्षणं सुखदुःखयोः॥
Hindi Translation:
जो सब अन्यों के वश में होता है, वह दुःख है। जो सब अपने वश में होता है, वह सुख है।
Sanskrit Quote on Non-Violence
यही संक्षेप में सुख एवं दुःख का लक्षण है।
अहिंसाप्रतिष्ठायां तत्संनिधौ वैरत्यागः।
Hindi Translation:
अहिंसा (मे) दृढ़ स्थिति हो जाने पर उस (योगी के) निकट (सब का) वैर छूट जाता है।
सिंहवत्सर्ववेगेन पतन्त्यर्थे किलार्थिनः॥
Sanskrit Quote on work
Sanskrit Quote on Marital Relation from Kamasutra
कुसुम-सधर्माणि हि योषितः सुकुमार-उपक्रमाः।
ताः तु अनधिगत-विश्वासैः प्रसभम् उपक्रम्यमाणाः संप्रयाग-द्वेषिण्यः भवन्ति। तस्मात् साम्ना एव उपचरेत्॥
Hindi Translation:
स्त्रियाँ फूल के समान होती हैं, इसलिये उनके साथ बहुत सुकुमारता से व्यवहार करना चाहिए।
जब तक पत्नी के हृदय में पति के प्रति पूर्ण विश्वास उत्पन्न न हो जाय तब कोई क्रिया जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।