javed akhtar shayari in hindi | जावेद अख़्तर शायरी : जावेद अख़्तर उर्दू ग़ज़लों के मशहूर नामों में से एक हैं और उन्होंने कई फ़िल्मी गीत भी लिखे हैं। पेश हैं जावेद अख़्तर की ग़ज़लों से मशहूर शेर और शायरी
javed akhtar shayari
ज़रा सी बात जो फैली तो दास्तान बनी
वो बात ख़त्म हुई दास्तान बाक़ी है
उन चिरागो में तेल ही कम था
क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे
क्यों डरे जिंदगी में क्या होगा
कुछ ना होगा तो तज़ुर्बा होगा
मुसीबत और लम्बी ज़िन्दगी
बुज़ुर्गो की दुआ ने मार डाला
बंध गई थी दिल में कुछ उम्मीद सी
ख़ैर तुम ने जो किया अच्छा किया
javed akhtar shayari in hindi:
छोड़ कर जिस को गए थे आप कोई और था
छोड़ कर जिस को गए थे आप कोई और था
अब मैं कोई और हूँ वापस तो आ कर देखिए
अक़्ल ये कहती दुनिया मिलती है बाज़ार में
दिल मगर ये कहता है कुछ और बेहतर देखिए
तू तो मत कह हमें बुरा दुनिया
तू तो मत कह हमें बुरा दुनिया
तू ने ढाला है और ढले हैं हम
तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है
तुम फ़ुज़ूल बातों का दिल पे बोझ मत लेना
तुम फ़ुज़ूल बातों का दिल पे बोझ मत लेना
हम तो ख़ैर कर लेंगे ज़िंदगी बसर तन्हा
birthday shayari by javed akhtar
ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना हामी भर लेना
बहुत हैं फ़ाएदे इस में मगर अच्छा नहीं लगता
कभी जो ख़्वाब था वो पा लिया है
मगर जो खो गई वो चीज़ क्या थी
ज़रा मौसम तो बदला है मगर पेड़ों की शाख़ों पर नए पत्तों के आने में अभी कुछ दिन लगेंगे
बहुत से ज़र्द चेहरों पर ग़ुबार-ए-ग़म है कम बे-शक पर उन को मुस्कुराने में अभी कुछ दिन लगेंगे
जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता
मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता
डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से
लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा
javed akhtar hindi quotes
मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है
किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता
ऊँची इमारतों से मकाँ मेरा घिर गया
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए
इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं
होंटों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं
हम तो बचपन में भी अकेले थे
सिर्फ़ दिल की गली में खेले थे
धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है
न पूरे शहर पर छाए तो कहना
javed akhtar shayari on life:
याद उसे भी एक अधूरा अफ़्साना तो होगा
कल रस्ते में उस ने हम को पहचाना तो होगा
मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा
वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूँ हारा
तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है
javed akhtar quotes in hindi
अगर पलक पे है मोती तो ये नहीं काफ़ी
हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
मैं बचपन में खिलौने तोड़ता था
मिरे अंजाम की वो इब्तिदा थी
तुम ये कहते हो कि मैं ग़ैर हूँ फिर भी शायद
निकल आए कोई पहचान ज़रा देख तो लो
यही हालात इब्तिदा से रहे
लोग हम से ख़फ़ा ख़फ़ा से रहे
सब का ख़ुशी से फ़ासला एक क़दम है
हर घर में बस एक ही कमरा कम है
उस की आँखों में भी काजल फैल रहा है
मैं भी मुड़ के जाते जाते देख रहा हूँ
बहाना ढूँडते रहते हैं कोई रोने का
हमें ये शौक़ है क्या आस्तीं भिगोने का
javed akhtar love shayari:
ग़ैरों को कब फ़ुर्सत है दुख देने की
जब होता है कोई हमदम होता है
मुझे मायूस भी करती नहीं है
यही आदत तिरी अच्छी नहीं है
ये ज़िंदगी भी अजब कारोबार है कि मुझे
ख़ुशी है पाने की कोई न रंज खोने का
कोई शिकवा न ग़म न कोई याद
बैठे बैठे बस आँख भर आई
इक मोहब्बत की ये तस्वीर है दो रंगों में
शौक़ सब मेरा है और सारी हया उस की है
इक खिलौना जोगी से खो गया था बचपन में
ढूँढता फिरा उस को वो नगर नगर तन्हा
आगही से मिली है तन्हाई
आ मिरी जान मुझ को धोका दे
javed akhtar best shayari:
हर तरफ़ शोर उसी नाम का है दुनिया में
कोई उस को जो पुकारे तो पुकारे कैसे
खुला है दर प तिरा इंतिज़ार जाता रहा
ख़ुलूस तो है मगर ए’तिबार जाता रहा
उस के बंदों को देख कर कहिए
हम को उम्मीद क्या ख़ुदा से रहे
मैं क़त्ल तो हो गया तुम्हारी गली में लेकिन
मिरे लहू से तुम्हारी दीवार गल रही है
थीं सजी हसरतें दुकानों पर
ज़िंदगी के अजीब मेले थे
है पाश पाश मगर फिर भी मुस्कुराता है
वो चेहरा जैसे हो टूटे हुए खिलौने का
Hi there, just became alert to your blog through Google, and found that it is
truly informative. I am gonna watch out for brussels.
I will appreciate if you continue this in future.
Many people will be benefited from your writing.
Cheers!
Quality posts is the main to attract the users to visit the web page, that’s
what this web site is providing.