Mohabbat Shayari in hindi – In this post, we have collection Mohabbat shayari in Hindi ,Ishq Mohabbat Shayari
Mohabbat shayari
किसी के प्यार को पा लेना ही मोहब्बत नही होती
किसी के दूर रहने पर उसको पल पल याद करना भी मोहब्बत होती है
जहर से अधिक खतरनाक हैं यह प्यार
जो भी चख ले मर मर के जीता हें
Mohabbat Kaisi Bhi Ho
मोहब्बत कैसी भी हो कसम से
सजदा करना सिखा देती है
Mohabbat Shayri in hindi
प्यार मोहब्बत आशिकी.ये बस अल्फाज थे.
मगर.. जब तुम मिले तब इन अल्फाजो को मायने मिले
ना जाने मुहब्बत में कितने अफसाने बन जाते है
शमां जिसको भी जलाती है वो परवाने बन जाते है
कुछ हासिल करना ही इश्क कि मंजिल नही होती
किसी को खोकर भी कुछ लोग दिवाने बन जाते है
मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा.
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे.जो मौत तक वफा करे.
वादो से बंधी जंजीर थी जो तोड दी मैँने
अब से जल्दी सोया करेंगे , मोहब्बत छोड दी मैँने
वो जिस दिन करेगा याद मेरी मोहब्बत को
रोयेगा बहुत खुद को बेवफा कह कर
उतर जाते है दिल मे कुछ लोग इस कदर
उनको निकालो तो जान निकल जाती है
बहुत रोका लेकिन रोक ही नहीं पाया,
मुहब्बत बढ़ती ही गयी मेरे गुनाहों की तरह
ना हीरो की तमन्ना है और ना परियो पे मरता हूँ
वो एक भोली सी लड़की है जिससे मे मोहब्बत करता हूँ
मोहब्बत करने वालों की कमी नहीं है दुनिया में,
अकाल तो निभाने वालों का पडा है साहब!!!
दुःख में ख़ुशी की वजह बनती है मोहब्बत
दर्द में यादों की वजह बनती है मोहब्बत
जब कुछ भी अच्छा ना लगे हमें दुनिया में
तब हमारे जीने की वजह बनती है मोहब्बत
मोहब्बत शायरी
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
बशीर बद्र
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
अहमद फ़राज़
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
राहत इंदौरी
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
मिर्ज़ा ग़ालिब
और क्या देखने को बाक़ी है
आप से दिल लगा के देख लिया
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
निदा फ़ाज़ली
अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए
उबैदुल्लाह अलीम
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
बशीर बद्र
न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
बशीर बद्र
दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है
हसरत मोहानी
इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद
अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता
अकबर इलाहाबादी
गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी
वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह
बासिर सुल्तान काज़मी
इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ
मिरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है
मुस्तफ़ा ज़ैदी
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
अहमद फ़राज़
ज़िंदगी किस तरह बसर होगी
दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
जौन एलिया
हुआ है तुझ से बिछड़ने के बा’द ये मा’लूम
कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी
अहमद फ़राज़
आप के बा’द हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
गुलज़ार
mohabbat hindi shayari
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया
शकील बदायुनी
वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा
मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा
परवीन शाकिर
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
मुनव्वर राना
दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं
कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं
जिगर मुरादाबादी
कोई समझे तो एक बात कहूँ
इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं
फ़िराक़ गोरखपुरी
मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला
बशीर बद्र
दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया
नासिर काज़मी
करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम
मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता
ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर
तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ
मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ
अल्लामा इक़बाल
तुम को आता है प्यार पर ग़ुस्सा
मुझ को ग़ुस्से पे प्यार आता है
अमीर मीनाई
मकतब-ए-इश्क़ का दस्तूर निराला देखा
उस को छुट्टी न मिले जिस को सबक़ याद रहे
मीर ताहिर अली रिज़वी
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’
कि लगाए न लगे और बुझाए न बने
मिर्ज़ा ग़ालिब
इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है
सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है
जिगर मुरादाबादी
हम से क्या हो सका मोहब्बत में
ख़ैर तुम ने तो बेवफ़ाई की
फ़िराक़ गोरखपुरी
तुम मोहब्बत को खेल कहते हो
हम ने बर्बाद ज़िंदगी कर ली
बशीर बद्र
Tujh Se Mohabbat shayari
मिलने को तो दुनियाँ मे कई चेहरे मिले
पर तुझ सी मोहब्बत तो हम खुद से भी ना कर पाये
कमाल की मोहब्बत थी उनको हमसे
अचानक सुरू हुई अचानक ख़त्म हो गई
तेरे ही मंदिर में,
तेरी ही मस्जिद में,
तेरे ही बंदे,
तेरे ही सामने रोते हैं,
तुझे नहीं, किसी और को पाने के लिए.
मेरी महोब्बत के अपने ही उसुल है.
तुम करो न करो पर मुझे साँसो के टुटने तक रहेगी.
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,
अधूरी हो सकती है मगर ख़तम नहीं !!
Mohabbat shayari
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं,
चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए !!
मोहब्बत करने में चंद लम्हे लगते है !
चोट खा कर भूलने में पूरी जिन्दगी लग जाती है !!
काश कही से मिल जाते वो अल्फ़ाज़ हमे भी जो
तुझे बता सकते की हम शायर कम तेरे आशिक ज्यादा है !!
मोहब्बत की मंजिल आसान नहीं है !
इससे ऊंचा कोई आसमान नहीं है !
भटकते हैं वह जो बेवफाई करते हैं !
दिल में जिनके प्यार का अरमान नहीं है !!
Mohabbat shayri
एक चाहत थी तेरे साथ जीने की !
वरना मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी !!
जिस्म से होने वाली मोहब्बत आसान होती है
और रूह से हुई मोहब्बत को समझने में जिंदगी
गुजर जाती है
चली आती है तेरी याद मेरे जहन में अक्सर !
तुझे हो ना हो तेरी यादो को जरूर मुझसे मोहब्बत है !!
Apna Pan Hindi Shayari
कितनी छोटी सी है ये जन्नत मेरी
एक मैं हूँ और एक महोब्बत मेरी
Mohabbatein Shayari in hindi
उसकी आँखों में मोहब्बत की चमक आज भी है
हालांकि उसे मेरी मोहब्बत पर शक आज भी है
नाव में बैठ कर धोये थे,हाथ उसने कभी
पूरे तालाब में मेहंदी की महक आज भी है
छू तो नहीं पाया उसे प्यार से कभी
पर मेरे होठों पर उसके होठों की झलक आज भी है
हर बार पूछते हैं,हमारी चाहत का सबब
वैसी ही इश्क की ये परख आज भी है
नहीं रह पते वो भी हमारे बिना
दोनों तरफ इश्क की दहक आज भी है
Mohabbat ki chamak
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की !
और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की !
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है !
क्या ज़रूरत थी,तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की !!
मोहब्बत को हद से गुजर तो जाने दो,
वो रोयेंगे जरूर हमे बिखर तो जाने दो,
अभी ज़िंदा हैं तो एहसास नहीं उनको,
रो कर पुकारेंगे हमे एक दफा मर तो जाने दो।
मेरे दिल को, तेरी मोहब्बत का पयाम, आया है
रंगीन बहारो में, मोहब्बत का, सलाम आया है
अबके कालियों ने बहुत याद, किया है तुझको
बल्कि मौसम ने भी, पैगाम दिया है तुझको
एक दीवाने की, जुबान पर, मेरा नाम आया है
मेरे पहलु में मचलती हुए आँखे तेरी
जिनके फंदे मैं गिरफ्तार हैं, आँखें मेरी
बात सुलझे न उलझकर, वो मकाम आया है
Mohabbat Shayari In Hindi
मुझें छोड़कर वो खुश हैं तो शिकायत कैसी !
अब मैं उन्हें खुश भी न देखूं तो मोहब्बत कैसी !!
Ishq Me Paremi Kabhi Jhukta Nahin
वफ़ा का दरिया कभी रुकता नही,
इश्क़ में प्रेमी कभी झुकता नही,
खामोश हैं हम किसी के खुशी के लिए,
ना सोचो के हमारा दिल दुःखता नहीं|
Kisi Ko Badnaam Nahi Karte
अच्छा करते हैं वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते !
ख़ामोशी से मर जाते हैं मगर किसी को बदनाम नहीं करते !!
ख़ामोशी मे जीने का लुत्फ़ वही उठा सकता है…!
जो फ़ना हो चूका हो रूहानी इश्क मे…!!