Muskurahat Shayari
दोस्तों आपके दिल में भी कोई बसा होगा जो आप को देखकर प्यार से मुस्कुरा दिया करता था , पेश है मुस्कुराहट पर कुछ खूबसूरत शायरी .
धड़कने लगती है दिल के तारों की दुनियाँ गर तुम मुस्कुरा दो
संवर जाये हम बेकरारों की दुनियाँ गर तुम मुस्कुरा दो
जो तुम मुस्कुरा दो बहारें हँसे, सितारों की उजली कतारें हँसे
जो तुम मुस्कुरा दो नज़ारें हँसे, जवां धड़कनों के इशारे हँसे
वही तो सब से ज़ियादा है नुक्ता-चीं मेरा,
जो मुस्कुरा के हमेशा गले लगाए मुझे !!
गुमान क्यों न करूँ तुझ से दिल चुराने का,
झुका के आँख सबब क्या है मुस्कुराने का !!
जब दिल पे छा रही हों घटाएँ मलाल की,
उस वक़्त अपने दिल की तरफ़ मुस्कुरा के देख !! -सीमाब अकबराबादी
उन पे हंसिये शौक़ से जो माइल-ए-फ़रियाद हैं
उनसे डरिये जो सितम पर मुस्कुरा कर रह गए असर लखनवी
मेरे दिल की राख़ क़ुरेद मत,इसे मुस्कुरा के हवा न दे
ये चराग़ फिर भी चराग़ है,कहीं तेरा हाँथ जला न दे
Muskurahat Shayari in hindi
दिल की तरफ़ हिजाब उठा के देख,
आईना देख और ज़रा मुस्कुरा के देख !!
वो ईद का मंज़र तिरे तसव्वुर में,
वो दिल में आ के अदा तेरा मुस्कुराना !!
शायद तिरे लबों की चटक से हो जी बहाल,
ऐ दोस्त मुस्कुरा कि तबीअत उदास है !!- अदम
क्या मुस्तक़िल इलाज किया दिल के दर्द का
वो मुस्कुरा दिए मुझे बीमार देख कर !! -अदम
मैं इक फकीर के होंठों की मुस्कुराहट हूँ
किसी से भी मेरी कीमत अदा नहीं होती – मुनव्वर राना
Muskurahat Hindi Shayari
फ़ज़ा-ए-नम में सदाओं का शोर हो जाए,
वो मुस्कुरा दे ज़रा सा तो भोर हो जाए !!
न जाने कह गए क्या आप मुस्कुराने में,
है दिल को नाज़ कि जान आ गई फ़साने में !!
मस्त नज़रों से देख लेना था,गर तमन्ना थी आज़माने की
हम तो बेहोश यूँ भी हो जाते,क्या ज़रूरत थी मुस्कुराने की!!
सीख लिया जिसने गम में मुस्कुराने को
उसे क्या मिटायेंगी गर्दिशे जमाने को !!
हौसले फिर बढ़ गये, टूटा हुआ दिल जुड़ गया,
उफ! ये जालिम मुस्कुरा देना, ख़फा होने के बाद !! – ‘आरज़ू’ लखनवी
हमारी बिगड़ी शायद यू ही संवर जाए,
तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ेगा हल्का सा मुस्कुराने में !!
सुनाई दे तेरे क़दमों की आहट,
ये रस्ता मुस्कुराना चाहता है !! -वसीम बरेलवी
लो, तबस्सुम भी शरीक-ए-निगह-ए-नाज़ हुआ..
आज कुछ और बढ़ा दी गई क़ीमत मेरी.
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद.!!
हौसलों का सबूत देना था
ठोकरें खा के मुस्कुराना पड़ा.!!
फ़स्ले-गुल के आने से या फ़िज़ा के जाने से
काश मुस्कुरा सकते हम किसी बहाने से.!!
उदास छोड़ गया वो हर एक मौसम को
गुलाब खिलते थे कल जिसके मुस्कुराने से..!!~इक़बाल अशहर
ग़मो की धूप में भी मुस्कुरा कर चलना पड़ता है
ये दुनिया है यहाँ चेहरा सजा कर चलना पड़ता है
तुम भले हि मुस्कुराओ सांथ बच्चों के मगर
बच्चों जैसा मुस्कुराना दोस्तों, आंसा नही..!!
कभी कभी तेरा बेवज़ह मुस्कुराना अच्छा लगता है ….
मुझ पर आँखों ही आँखों से तेरा हक़ जताना अच्छा लगता है !!
मुझे दर्द-ए-इश्क़ का मज़ा मालूम है, दर्द-ए-इंतेहा भी मालूम है।
ज़िन्दगी भर मुस्कुराने की दुआ न देना, मुझे पल भर मुस्कुराने की सजा मालूम है।
न जाने कैसी “नज़र” लगी है “ज़माने” की… . .
कमब्खत “वजह” ही नही मिलती “मुस्कुराने” की…..!!!
Muskurahat Status
जिसकी किस्मत मे लिखा हो रोना..!!
वो मुस्कुरा भी दे तो आँसू निकल आते है..!!
लाख समझाया उसको की दुनिया शक करती है..
मगर उसकी आदत नहीं गयी मुस्कुरा कर गुजरने की !!
दिल्लगी कर जिंदगी से, दिल लगा के चल..
जिंदगी है थोड़ी सी, थोडा मुस्कुरा के चल .
तेरे ना होने से जिन्दगी मे बस इतनी सी कमी है
मै चाहे लाख मुस्कुरा लू पर आंखो में नमी है
यूँ तेरा मुस्कुरा कर मुझे देखना
मानो जैसे सब कुछ कुबूल है तुझे
खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं,
और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते है।
मेरी यही आदत तुम सब को सदा याद रहेगी,
न शिकवा, न कोई गिला, जब भी मिला, मुस्कुरा के मिला.
मुस्कुराने के अब बहाने नहीं ढूँढने पड़ते,
तुझे याद करते हैं तमन्ना पूरी हो जाती हैं..
राहत भी अपनों से मिलती हे,चाहत भी अपनों से मिलती हे,
अपनों से कभी रूठना नही.क्यूकी,मुस्कुराहट”भी अपनों से मिलती हे
मुस्कुराहट भी कमाल की पहेली है,
जितना बताती है,उससे कहीं ज्यादा छुपाती है…
अपने दुःख में रोने वाले,मुस्कुराना सीख ले |
ओरों के दुःख में आँसू बहाना सीख ले
“चलो मुस्कुराने की वजह ढूंढते हैं ऐ जिन्दगी,,,,
तुम हमें ढूंढो… हम तुम्हे ढूंढते हैं …!!!
फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,
मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,
वो तो अपने दर्द रो-रो के सुनते रहे;
हमारी तन्हाइयों से आँख चुराते रहे;
और हमें बेवफा का नाम मिला क्योंकि
हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे
खुद ही मुस्कुरा रहे हो साहिब
पागल हो या मोहब्बत की शुरूआत हुई है!!!!
ज़र्फ हो तो गम भी नियामत हैं खुदा की।
जो सुकूं रोने में हैं,वो मुस्कुराने में कहां।
अपनी मुस्कुराहट को ज़रा काबू में रखिए,
दिल ए नादान इस पर कहीं शहीद ना हो जाए
फिर उसने मुस्कुरा के देखा मेरी तरफ़,
फिर एक ज़रा सी बात पर जीना पड़ा मुझे।
दिल की हसरत जुबा पर आने लगी
आपको देखा तो जिंदगी मुस्कुराने लगी
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
हम इस निगाह-ए-नाज़ को समझे थे नेश्तर
तुमने तो मुस्कुरा के रग-ए-जाँ बना दिया!
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Muskurahat Shayari in english font
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wahi to sab se zyada hai nukta-chin mera,jo muskura ke hamesha gale lagae mujhe !! ~qataiailshifai
muskurahat hindi shayari jab dil pe chha rahi hon ghataen malal ki,us vaqt apane dil ki taraf muskura ke dekh !! -simab akabarabadi
un pe hansiye shauq se jo mail-e-fariyad hainunase dariye jo sitam par muskura kar rah gae~ asar lakhanavi
mere dil ki rakh qured mat,ise muskura ke hava na deye charag fir bhi charag hai,kahin tera hanth jala na deshayad tire labon ki chatak se ho ji bahal,ai dost muskura ki tabiat udas hai !!- adam
dil ki taraf hijab-e-takalluf utha ke dekh,aina dekh aur zara muskura ke dekh !!
kya mustaqil ilaj kiya dil ke dard kavo muskura die mujhe bimar dekh kar !! -adam
main ik fakir ke honthon ki muskurahat hoonkisi se bhi meri kimat ada nahin hoti – munavvar rana
muskurahat hindi shayari vo subh-e-id ka manzar tire tasavvur mein,vo dil mein a ke ada tere muskurane ki !!
faza-e-nam mein sadaon ka shor ho jae,vo muskura de zara sa to bhor ho jae !!
na jane kah gae kya ap muskurane mein,hai dil ko naz ki jan a gai fasane mein !!
muskurahat hindi shayari mast nazaron se dekh lena tha,gar tamanna thi azamane kiham to behosh yoon bhi ho jate,kya zaroorat thi muskurane ki!!
sikh li jisane ada gam mein muskurane ki,use kya mitayengi gardishe jamane ki !!
*hausale fir badh gaye, toota hua dil jud gaya,uf! ye jalim muskura dena, khafa hone ke bad !! – arazoo lakhanavi
hamari bigadi ye shayad yoo hi sanvar jae,tumhara kuchh nahin bigadega muskurane mein !!
- muskurahat hindi shayari sunai de tere qadamon ki ahat,ye rasta muskurana chahata hai !! -vasim barelavi
lo tabassum bhi sharik-e-nigah-e-naz hua..aj kuchh aur badha di gai qimat meri..~fanibadayuniB
badi mushkil se bana hoon toot jane ke badamain aj bhi ro deta hoon muskurane ke bad.!!
hausalon ka saboot dena tha thokaren kha ke muskurana pada.!!
na jane kaisi “nazar” lagi hai “zamane” ki… . .kamabkhat “vajah” hi nahi milati “muskurane” ki…..!!!
yoon tera muskura kar mujhe dekhana mano jaise sab kuchh qubul hai tujhe