दर्द भरी शायरी | Dard Bhari Shayari in hindi

दर्द भरी शायरी

जो कछ था वो सब ले ही चकी थी तेरी चितबन।
इक जान की बाकी है वो है नजरें नजर आज।।

कौन हमारा दर्द बंटाये कौन हमारा थामे हाथ,
उनके नगर में जगमग-जगमग अपने देश में रात ही रात।

दर्द जिसने दिया उसकी परवाह नहीं,
जुल्म जी भर के उसके हम सहते रहे

मैं मुद्दतों जिया हूँ किसी दोस्त के बगैर,
अब तुम भी साथ छोड़ने को कह रहे हो खैर।

मिलते भी है तो कतरा के निकल जाते हैं
हाय या मौसम की तरह दोस्त भी बदल जाते हैं

Dard Bhari Shayari

कितने अनजान हैं, क्या सादगी से पूछते है।
कहिये, क्या मेरी किसी बात पे रोना आया।।

जीने के लिए एक अरमान ही काफी है।
दिल की कलम से लिखी ये दास्तान ही काफी है।।
तीर से क्या जरूरत है कत्ल करने के लिए।
कत्ल करने के लिए तेरी मुस्कान ही काफी है।।

दर्द भरी शायरी हिंदी में

सितारों को गिन के दिखाना मुश्किल है,
किस्मत में जो लिखा हो उसे मिटाना मुश्किल है।
आपको मेरी जरूरत हो या न हो दोस्त,
आपकी अहमियत लफ़्ज़ों में जताना मुश्किल है।।

जब याद तुम्हारी आती है, तब दर्द जिगर में होता है
हर रोज रात को रोता हूँ, जब सारी दुनिया सोती है

Dard Bhari Shayari in hindi

दिल तो सबके है अपने, कोई न वेगाना।
सीमा सरहद को, प्यार ने ये कब माना।।

तब आई आह- तेरी जो दिल में अगर।
गर्म आहों से अपना दिल पिघल जाएगा।।

जो तमन्ना दिल में थी, वो दिल में घुटकर रह गई।
उसने पूछा भी नहीं, हमने बताया भी नहीं।।