वफ़ा शायरी | Wafa shayari in hindi

best wafa shayari

कौन उठाएगा तुम्हारी ये जफ़ा मेरे बाद
याद आएगी बहुत मेरी वफ़ा मेरे बाद
अमीर मीनाई

Dhund ujde hue logon men wafa ke moti
ye khazane tujhe mumkin hai kharabon men milen
AHMAD FARAZ

अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिसने भी मोहब्बत की
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई –नुशूर वाहिदी

ख़ुद वफ़ा क्या वफ़ा का बदला क्या
लुत्फ़ एहसान था अगर करते

  • फ़ानी बदायुनी

वफ़ा का अहद था दिल को सँभालने के लिए
वो हँस पड़े मुझे मुश्किल में डालने के लिए
एहसान दानिश

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या वफ़ा ही न थी ज़माने में
या मगर दोस्तों ने की ही नहीं
इस्माइल मेरठी

kyuun pasheman ho agar vaada wafa ho na saka
kahin vaade bhi nibhane ke liye hote hain
IBRAT MACHLISHAHRI

मैं सोचती हूँ कि इक जिस्म के पुजारी को
मेरी वफ़ा ने वफ़ा का सुहाग क्यूँ समझा नरेश कुमार शाद

dushmanon ki jafa ka khauf nahin
doston ki wafa se Darte hain
HAFEEZ BANARASI

wafa ki umeed shayari in hindi

वफ़ा की ख़ैर मनाता हूँ बेवफ़ाई में भी
मैं उस की क़ैद में हूँ क़ैद से रिहाई में भी
इफ़्तिख़ार आरिफ़

अब दिलों में कोई गुंजाइश नहीं मिलती ‘हयात’
बस किताबों में लिक्खा हर्फ़-ए-वफ़ा रह जाएगा
हयात लखनवी

bevafai pe teri ji hai fida
qahr hota jo ba-vafa hota
MEER TAQI MEER

तुझ से वफ़ा न की तो किसी से वफ़ा न की
किस तरह इंतिक़ाम लिया अपने आप से
हिमायत अली शाएर

ek aurat se wafa karne ka ye tohfa mila
jaane kitni auraton ki bad-duaen saath hain
BASHIR BADR


Miss You Shayari in hindi – याद शायरी

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meri wafa shayari

budhon ke saath log kahan tak wafa karen
budhon ko bhi jo maut na aae to kya karen
AKBAR ALLAHABADI

वो कहते हैं हर चोट पर मुस्कुराओ
वफ़ा याद रक्खो सितम भूल जाओ
कलीम आजिज़

mere baad wafa ka dhoka aur kisi se mat karna
gaali degi duniya tujh ko sar mera jhuk jaega
QATEEL SHIFAI

तिरी वफ़ा में मिली आरज़ू-ए-मौत मुझे
जो मौत मिल गई होती तो कोई बात भी थी
ख़लील-उर-रहमान आज़मी

wafa ruswa nahi karna shayari

उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती
वादा न वफ़ा करते वा’दा तो किया होता
चराg हसन हसरत

wafaon ke badle jafa kar rahe hain
main kya kar raha huun vo kya kar rahe hain
HAFEEZ JALANDHARI

मोहब्बत अदावत वफ़ा बे-रुख़ी
किराए के घर थे बदलते रहे

बशीर बद्र

फ़रेब खाने को पेशा बना लिया हम ने
जब एक बार वफ़ा का फ़रेब खा बैठ
अहमद नदीम क़ासमी

wafa ikhlas qurbani mohabbat
ab in lafzon ka pichha kyuun karen ham
JAUN ELIYA

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wafa jis se ki bevafa ho gaya
jise but banaya khuda ho gaya
HAFEEZ JALANDHARI

उमीद उन से वफ़ा की तो ख़ैर क्या कीजे
जफ़ा भी करते नहीं वो कभी जफ़ा की तरह
आतिश बहावलपुरी

बुरा मत मान इतना हौसला अच्छा नहीं लगता
ये उठते बैठते ज़िक्र-ए-वफ़ा अच्छा नहीं लगता
आशुफ़्ता चंगेज़ी

कभी की थी जो अब वफ़ा कीजिएगा
मुझे पूछ कर आप क्या कीजिएगा
हसरत मोहानी

वो उम्मीद क्या जिस की हो इंतिहा
वो व’अदा नहीं जो वफ़ा हो गया
अल्ताफ़ हुसैन हाली

तुम जफ़ा पर भी तो नहीं क़ाएम
हम वफ़ा उम्र भर करें क्यूँ-कर
बेदिल अज़ीमाबादी

two line shayari in hindi on life – दो लाइन जिंदगी शायरी

na wafa ka zikar hoga shayari

mohabbat adavat wafa be-rukhi
kirae ke ghar the badalte rahe
BASHIR BADR

इश्क़ में यार गर वफ़ा न करे
क्या करे कोई और क्या न करे
हैबत क़ुली ख़ाँ हसरत

काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएँ तो क्या करें
उस बेवफ़ा को भूल न जाएँ तो क्या करें
अख़्तर शीरानी

ये क्या कि तुम ने जफ़ा से भी हाथ खींच लिया
मिरी वफ़ाओं का कुछ तो सिला दिया होता
अब्दुल हमीद अदम

ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पाँव नाज़ुक
न लो इंतिक़ाम मुझ से मिरे साथ साथ चल के
ख़ुमार बाराबंकवी

मुझे मालूम है अहल-ए-वफ़ा पर क्या गुज़रती है
समझ कर सोच कर तुझ से मोहब्बत कर रहा हूँ मैं
अहमद मुश्ताक़

agahi karb vafa sabr tamanna ehsas
mere hi sine men utre hain ye khanjar saare
BASHIR FAROOQI

kisi tarah jo na us but ne etibar kiya
miri wafa ne mujhe khuub sharmsar kiya
DAGH DEHLVI

वफ़ा जिस से की बेवफ़ा हो गया
जिसे बुत बनाया ख़ुदा हो गया
हफ़ीज़ जालंधरी

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बेवफ़ा कहने की शिकायत है
तो भी वादा-वफ़ा नहीं होता

  • मोमिन ख़ाँ मोमिन

वफ़ा इख़्लास क़ुर्बानी मोहब्बत
अब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यूँ करें हम
जौन एलिया

बेवफ़ाई पे तेरी जी है फ़िदा
क़हर होता जो बा-वफ़ा होता

  • मीर तक़ी मीर

wafa pe shayari

अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई
नुशूर वाहिदी

bura mat maan itna hausla achchha nahin lagta
ye uThte baithte zikr-e-wafa achchha nahin lagta
AASHUFTA CHANGEZI

wafa shayari 3
shayari wafa ki

vo ummid kya jis ki ho intiha
vo vaada nahin jo wafa ho gaya
ALTAF HUSSAIN HALI

वफ़ाओं के बदले जफ़ा कर रहे हैं
मैं क्या कर रहा हूँ वो क्या कर रहे हैं
हफ़ीज़ जालंधरी

उल्फ़त में बराबर है वफ़ा हो कि जफ़ा हो
हर बात में लज़्ज़त है अगर दिल में मज़ा हो
अमीर मीनाई

dosti bandagi wafa-o-khulus
ham ye shama jalana bhuul gae
ANJUM LUDHIANVI

दुनिया के सितम याद न अपनी ही वफ़ा याद
अब मुझ को नहीं कुछ भी मोहब्बत के सिवा याद
जिगर मुरादाबादी

ya wafa hi na thi zamane men
ya magar doston ne ki hi nahin
ISMAIL MERATHI

बूढ़ों के साथ लोग कहाँ तक वफ़ा करें
बूढ़ों को भी जो मौत न आए तो क्या करें
अकबर इलाहाबादी

wafa wali shayari

wafa shayari 5
shayari on wafa in hindi

wafa nazar nahin aati kahin zamane men
vafa ka zikr kitabon men dekh lete hain
HAFEEZ BANARASI

उड़ गई यूँ वफ़ा ज़माने से
कभी गोया किसी में थी ही नहीं
दाग़ देहलवी

वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था
दाग़ देहलवी

ढूँड उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें
अहमद फ़राज़

wafa bhi tumse khafa bhi tumse shayari

ab dilon men koi gunjaish nahin milti hayat
bas kitabon men likkha harf-e-wafa rah jaega
HAYAT LAKHNAVI

mujh se kya ho saka vafa ke siva
mujh ko milta bhi kya saza ke siva
HAFEEZ JALANDHARI

बेवफ़ाई पे तेरी जी है फ़िदा
क़हर होता जो बा-वफ़ा होता
मीर तक़ी मीर

न जफ़ा से है मेरे दिल को क़रार
न तसल्ली वफ़ा से होती है

  • रियाज़ ख़ैराबादी

shayari wafa ka dard

दुनिया के सितम याद न अपनी ही वफ़ा याद
अब मुझको नहीं कुछ भी मोहब्बत के सिवा याद

  • जिगर मुरादाबादी

हाल सुन कर मेरा वो यूँ बोले
और दिल दीजिए वफ़ा कीजे

  • जिगर बरेलवी

दुश्मनों की जफ़ा का ख़ौफ़ नहीं
दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं
हफ़ीज़ बनारसी

वफ़ा न कर तो हमारी वफ़ा की दाद ही दे
तिरे फ़िराक़ को हम इंतिज़ार कहते हैं रशीद कौसर फ़ारूक़ी

क्यूँ पशेमाँ हो अगर वअ’दा वफ़ा हो न सका
कहीं वादे भी निभाने के लिए होते हैं
इबरत मछलीशहरी

वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था
दाग़ देहलवी

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