राहत इंदौरी शायरी | Rahat Indori Shayari In Hindi

राहत इंदौरी शायरी,Rahat Indori Shayari In Hindi ,ग़ज़ल अगर शब्दों से खेलने की कला है तो मान लीजिए कि राहत इंदौरी वो कलाकार हैं जो अपने अंदाज में इस कला के माहिर खिलाडी है । डाॅ. राहत इंदौरी के शायरी शेर हर लफ्ज में मोहब्बत की नई शुरुआत करते हैं. वह सरकार और सामजिक व्यवस्था को आइना भी दिखाते हैं।

हम डॉ राहत इंदौरी के सबसे ताज़ा और मशहूर शायरियां अंग्रेजी और हिंदी में प्रश्तुत कर रहे हैं .उम्मीद है की पाठको को हमारा राहत इंदौरी शायरी संग्रह कलेक्शन पसंद आये |

Rahat Indori Shayari In Hindi

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Rahat Indori Shayari In Hindi

फूलों की दुकानें खोलो,
खुशबु का ब्योपार करो…
इश्क़ खता है, तो ये खता,
इक बार नहीं…. सौ बार करो….

Phoolo.n ki dukaane.n kholo,
Khushbu ka byopaar karo
Ishq khataa hai, to ye khataa,
Ik baar nahi, Sou baar karo

कौन खरीदेगा तुझको,
उर्दू का अख़बार ना बन

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राहत इंदौरी शायरी

रोज तारों को नुमाइश में खलल पता है
चांद पागल है अंधेरे में निकल पड़ता है

roz taron ko numaish men khalal padta hai
chand pagal hai andhere men nikal padta hai

rahat indori shayari 1 1
rahat indori romantic shayari in hindi

rahat indori romantic shayari in hindi

आग का क्या है पल दो पल में लगती है,
बुझाते बुझाते एक ज़माना लगता है’

rahat indori shayari 9

Aag ka kya hai pal do pal me lagti hai,
Bujhate bujhaate ek jamana lagta hai

आंख में पानी रखो होठों पर चिंगारी रखो
जिंदा रहना है तो तक़रीबें बहुत सारी रखो

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Rahat indori hindi Shayari in english

aankh men paani rakho honthon pe chingari rakho
zinda rahna hai to tarkiben bahut saari rakho

घर के बाहर ढूंढता रहता हूं दुनिया
घर के अंदर दुनिया डेरी रहती है

ghar ke bahar dhundhta rahta huun duniya
ghar ke andar duniya-dari rahti hai

rahat indori shayari

हम से पहले पहले भी मुसाफिर कई गुजरे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते

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Rahat indori hindi Shayari in english

ham se pahle bhi musafir kai guzre honge
kam se kam raah ke patthar to hatate jaate

माँ के क़दमों के निशाँ हैं के दिये रोशन हैं,
ग़ौर से देख यहीं पर कहीं जन्नत होगी….

Maa ke kadamo ke nishan hai ke din roshan hain
Gair se dekh yahi par kahin jannat hogi

ज़ुबाँ तो खोल नज़र तो मिला जवाब तो दे
मैं कितनी बार लूटा हूँ मुझे हिसाब तो दे।

लोग हर मोड़ पे रूक रूक के संभलते क्यूँ है
इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।

फूक़ डालूगा मैं किसी रोज़ दिल की दुनिया
ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं।

कही अकेले में मिलकर झंझोड़ दूँगा उसे
जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे
मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस
का इरादा मैंने किया था की छोड़ दूँगा उसे

जा के ये कह दो कोई शोलो से,
चिंगारी से फूल इस बार खिले है बड़ी तय्यारी से
बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए
हमने ख़ैरात भी माँगी है तो ख़ुद्दारी से।

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मैं जब मर जाऊं तो मेरी अलग पहचान लिख देना,
लहू से मेरी पेशानी पे हिन्दुस्तान लिख देना…..

rahat indori love shayari

Mai jab mar jaaun to meri alag pehchaan likh dena,
Lahu se meri peshaani pe hindustaan likh dena

ना हमसफ़र सी हमनशि से निकलेगा
हमारे पांव का कांटा हमीं से निकलेगा

na hamsafar na kisi hamnashin se niklega
hamare paanv ka kanta hamin se niklega

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नफरत का बाज़ार ना बन,
फूल खिला तलवार ना बन….

rahat indori shayari on politics in hindi

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rahat indori shayari on politics in hindi

Nafrat ka bajaar naa ban,
Ful khilaa talwar naa ban

प्यास तो अपनी सात समन्दर जैसी थी,
ना हक हमने बारिश का अहसान लिया।

मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को
समझ रही थी की ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे

नये किरदार आते जा रहे है
मगर नाटक पुराना चल रहा है।

मैं वो दरिया हूँ की हर बूंद भँवर है जिसकी,
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।

दो ग़ज सही ये मेरी मिल्कियत तो है
ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया।

राज़ जो कुछ हो इशारों में बता भी देना,
हाथ जब उससे मिलाना तो दबा भी देना

Raaj jo kuch ho isshare me bata bhi dena
Haath jab usase milana toh daba bhi dena

रिश्ता रिश्ता लिख मंज़िल,
रस्ता बन दीवार ना बन

rahat indori shayri image
rahat indori sher

rahat indori sher

Rishta rishta likh manjil,
Raasta ban diwaar naa ban.

शाखों से टूट जाएं वह पत्ते नहीं हैं हम
आंधी से कोई कह दे कि औकात में रहे

shaḳhon se tuut jaaen vo patte nahin hain ham
andhi se koi kah de ki auqat men rahe

थोड़ी पी ली है….. के कुछ देख सकूँ ये दुनिया,
होश उड़ जाएँ….. अगर होश में आकर देखूं…..

rahat indori shayri on sharaab

Thodi pi li hai ….ke kuch dekh sakun ye duniya,
Hosh udd jaayei ….agar hosh me aakar dekhu

उसकी याद आई है सांसों जरा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में खलल पड़ता है

rahat indori shayari Status

rahat indori shayari 10 1
rahat indori shayari Status

us ki yaad aai hai sanso zara ahista chalo
dhadkanon se bhi ibadat men ḳhalal padta hai

रोज तारों को नुमाइश में खलल पता है
चांद पागल है अंधेरे में निकल पड़ता है

roz taron ko numa.ish men khalal padta hai
chand pagal hai andhere men nikal padta hai

अक़्ल ये सोच के थक जाती है
इतनी नफ़रत कहाँ से आती है !!!

Akl ye soch ke thak jaati hai
Itni nafrat kahan se aati hai …

rahat indori motivational shayari

यक़ीन हो कि न हो, बात तो यक़ीन की है ।
हमारे जिस्म की मिट्टी इसी ज़मीन की है ।
हमारे मुल्क के सब लोग भाई भाई हैं
ये दूरियों की सियासत किसी कमीन की है..

दोस्ती जब किसी से की जाए दुश्मनों की भी राय ली जाए

dosti jab kisi se ki jaae
dushmanon ki bhi raae li jaae

बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरे प्यार से उलझे तो धज्जियां उड़ा जाएं

bahut ghurur hai dariya ko apne hone par
jo meri pyaas se uljhe to dhajjiyan ud jaaen

नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक पुराना चल रहा है

nae kirdar aate ja rahe hain
magar natak purana chal raha hai

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rahat indori motivational shayari

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मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी, गुलजार शायरी,मुन्नवर राणा शायरी

vo chahta tha ki kaasa ḳharid le mera
main us ke taaj ki qimat laga ke lauT aaya

बीमार को मर्ज की दवा देनी चाहिए
मैं पीना चाहता हूं पीला देनी चाहिए


bimar ko maraz ki dava deni chahiye
main piina chahta huun pila deni chahiye

ख्याल था कि यह पथराव रोक दें चलकर, जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे

मेरी ख्वाहिश है कि आंगन में है ना दीवार उठे
मेरे भाई की जमीन तू रख ले

miri ḳhvahish hai ki angan men na divar uthe
mire bhaai mire hisse ki zamin tū rakh le

बोतलें खोल कर दो
आज दिल खोल कर भी पी जाए

botalen khol kar to pi barson
aaj dil khol kar bhi pi jaae

घर के बाहर ढूंढता रहता हूं दुनिया
घर के अंदर दुनिया डेरी रहती है

ghar ke bahar dhundhata rahta huun duniya
ghar ke andar duniya-dari rahti hai

dr rahat indori shayari in hindi

मैं आखिर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता
हर एक मौसम को गुजर जाने की जल्दी थी

main aḳhir kaun sa mausam tumhare naam kar deta
yahan har ek mausam ko guzar jaane ki jaldi thi

राहत इंदौरी “]यह जरूरी है कि आंखों की भरम कायम रहे नींद रखो या ना रखो ख्वाब में यारी रखो

ye zaruri hai ki ankhon ka bharam qaaem rahe
nind rakkho ya na rakkho ḳhvab meyari rakho

अब तो हर हाथ के पत्थर हमें पहचानता है है उम्र गुजरी है शहर में

rahat indori ki shayari

ab to har haath ka patthar hamen pahchanta hai
umr guzri hai tire shahr men aate jaate

मैं पर्वतों से लड़ता रहा और चंद लोग
गीली जमीन खोद के फरहाद हो गए

main parbaton se ladta raha aur chand log
giili zamin khod ke farhad ho gae

यह हवाएं उड़ ना जाए लेकर कागज का बदन
दोस्तों तुम मुझ पर कोई पत्थर जरा भारी रखो

rahat indori sher in hindi

ye havaen ud na jaaen le ke kaġhaz ka badan
dosto mujh par koi patthar zara bhari rakho

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rahat indori status in hindi

एक ही नदी के हैं यह दो किनारे दोस्तों
दोस्ताना जिंदगी से मौत से यारी रखो

ek hi nadi ke hain ye do kinare dosto
dostana zindagi se maut se yaari rakho

मैंने अपनी खुशबू आंखों से लहू छलका दिया
एक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए

main ne apni khushk ankhon se lahu chhalka diya
ik samundar kah raha tha mujh ko paani chahiye

मजा चखा के ही माना हूं मैं भी दुनिया को
समझ रही थी ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे

rahat indori shayari lyrics

maza chakha ke hi maana huun main bhi duniya ko
samajh rahi thi ki aise hi chhod dūnga use

रोज पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं
रोज शीशों से कोई काम निकल पड़ता है

roz patthar ki himayat men ġhazal likhte hain
roz shishon se koi kaam nikal padta hai

मैं आकर दुश्मनों में बस गया हूं
यहां हमदर्द चार

main aa kar dushmanon men bas gaya huun
yahan hamdard hain do-char mere

rahat indori shayari on love

सूरज सितारे चांद साथ मेरे साथ में रहे
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे

suraj sitare chand mire saat men rahe
jab tak tumhare haat mire haat men rahe

ख्याल था कि यह पथराव रोक दें चलकर,
जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे

khayal tha ki ye pathrav rok den chal kar
jo hosh aaya to dekha lahū lahū ham the

कॉलेज के बच्चे चुप हैं एक कागज की नाव के लिए
चारों तरफ दरिया की सूरत हुई बेकारी है

collage ke sab bachche chup hain kaġhaz ki ik naav liye
charon taraf dariya ki sūrat phaili hui bekari hai

शहर क्या देखें की मंजर में जाले पड़ गए हैं
ऐसी गर्मी है कि पीले फूल काले पड़ गए

rahat indori best shayari in hindi

shahr kya dekhen ki har manzar men jaale pad gae
aisi garmi hai ki piile phuul kaale pad gae

हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते हैं
मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं

ham apni jaan ke dushman ko apni jaan kahte hain
mohabbat ki isi miTTi ko hindustan kahte hain

एक मुलाकात का जादू की उतरता ही नहीं
तेरी खुशबू मेरी चादर से नहीं जाती है

ik mulaqat ka jaadu ki utarta hi nahin
tiri khusbu miri chadar se nahin jaati hai

सच बात कौन है जो सरेआम कह सकें
मैं कह रहा हूं मुझको सजा देनी चाहिए

sach baat kaun hai jo sar-e-am kah sake
main kah raha huun mujh ko saza deni chahiye

rahat indori shayari images

सिर्फ खंजर ही नहीं आंखों में पानी चाहिए
ए खुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चाहिए


शहर की सारी अलिफ लैला बुड्ढी हो चुकी हैं
शहजादे को कोई ताजा कहानी चाहिए

rahat indori quotes in hindi


मैंने ने सूरज तुझे पूजा नहीं समझा तो है
मेरे हिस्से में भी थोड़ी धूप आनी चाहिए


मेरी कीमत कौन दे सकता है इस बाजार में
तुम जुलेखा हो तुम्हें कीमत लगानी चाहिए


जिंदगी है एक सफर और जिंदगी की राह में
ज़िन्दगी भी आये तो ठोकर लगानी चाहिए


मैंने अपनी खुश्क आंखों से लहू छलका दिया
एक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए

sirf ḳhanjar hi nahin ankhon men paani chahiye
ai ḳhuda dushman bhi mujh ko ḳhandani chahiye

main ne ai sūraj tujhe puuja nahin samjha to hai
mere hisse men bhi thoḌi dhuup aani chahiye
meri qimat kaun de sakta hai is bazar men

tum zuleḳha ho tumhen qimat lagani chahiye

zindagi hai ik safar aur zindagi ki raah men, zindagi bhi aa.e to Thokar lagani chahiye


main ne apni ḳhushk ankhon se lahū chhalka diya
ik samundar kah raha tha mujh ko paani chahiye

shayari of rahat indori in hindi

अंदर का जहर चूम लिया धूल के आ गए
कितने शरीफ लोग थे सब खुल के आ गए


सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवकूफ
सारे सिपाही मोम के थे घुल के आ गए


मस्जिद में दूर-दूर कोई दूसरा ना था
आईने को मजे भी तकबुल के आ गए


अनजाने से फिरने लगे हैं इधर-उधर
मौसम हमारे शहर में काबुल के आ गए

rahat indori poetry in hindi

andar ka zahr chuum liya dhul ke aa ga.e
kitne sharif log the sab khul ke aa ga.e


masjid men duur duur koi dusra na tha
ham aaj apne aap se mil-jul ke aa ga.e


nindon se jang hoti rahegi tamam umr
ankhon men band ḳhvab agar khul ke aa ga.e


suraj ne apni shakl bhi dekhi thi pahli baar
aine ko maze bhi taqabul ke aa ga.e


anjane saa.e phirne lage hain idhar udhar
mausam hamare shahr men kabul ke aa gae

rahat indori status in hindi

ग़ालिब की मशहूर शायरी पढ़ने के लिए क्लिक करें

बुलाती है…..मगर जाने का नई,
ये दुनिया है, इधर जाने का नई…..


कुशादा ज़र्फ़ होना चाहिए,
छलक जाने का भर जाने का नई….


सितारे नोंच कर ले जाऊँगा,
मैं खाली हाथ घर जाने का नई….


मेरे बेटे…..किसी से इश्क़ कर,
मगर हद से गुज़र जाने का नई…..


वो गर्दन नापता है….नाप ले,
मगर ज़ालिम से डर जाने का नई…..


वबा फैली हुई है हर तरफ,
अभी माहौल मर जाने का नई……

rahat indori ghazal in hindi


Mere bête…kisi se ishq kar,
Magar had se gujar jaane ka nai


Wo garden naapta hai..naap le,
Magar jaalim se dar jaane ka nai


Wafa faili hui hai har taraf
Abhi mahaul mar jaane ka nai

rahat indori motivational shayari in hindi

मैं लाख कह दूं कि आकाश हूं जमीन हूं मैं
मगर उसे तो खबर कि कुछ नहीं हूं मैं


अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको
वहां पर ढूंढ रहे हैं जहां नहीं हूं मैं

rahat indori desh bhakti shayari in hindi


मैं से तो मायूस लौट आया था
मगर किसी ने बताया बहुत हसीन हूं मैं


वह एक किताब जो मनसुख तेरे नाम से है
उसी किताब के अंदर कहीं-कहीं हूं मैं


सितारों आओ मेरी राह में बिखर जाओ
यह मेरा हुक्म है हालांकि कुछ नहीं हूं मैं


यही हुसैन भी गुजरे यही याजिद भी था
हजार रंग में डूबी कोई जमीन हूं मैं

best shayari rahat indori


यह बुड्ढी खबरें तुम्हें कुछ नहीं बताएंगे
मुझे तलाश करो दोस्तों यहीं हूं

Mai laakh kah dun ki akash huun zamin hu mai
magar use to khabar hai ki kuchh nahin hu mai


ajiib log hain meri talash men mujh ko
vahan pe dhund rahe hain jahan nahin hu mai


main a.inon se to mayūs laut aaya tha
magar kisi ne bataya bahut hasin hu mai


vo zarre zarre men maujūd hai magar main bhi
kahin kahin huun kahan huun kahin nahin hu mai

rahat indori attitude shayari

sitaro aao miri raah men bikhar jaao
ye mera hukm hai halanki kuchh nahin hu mai

yahin husain bhi guzre yahin yazid bhi tha
hazar rang men Duubi hui zamin hu mai

ye budhhi qabren tumhen kuchh nahin bataengi
mujhe talash karo dosto yahin hu mai

घर से यह सोचकर निकला हूं कि मर जाना है
अब कोई राह दिखा दे कि किधर जाना है

जिस्म से साथ निभाने की मत उम्मीद रखो
इस मुसाफिर को तो रास्ते में ठहर जाना है

rahat indori ke sher

मौत लम्हे की सदा जिंदगी उम्र ओं की पुकार
मैं यही सोच कर जिंदा हूं कि मर जाना है

नशा ऐसा था कि मैंखाने को दुनिया समझा
होश आया तो ख्याल आया कि घर जाना है
मेरे जज्बे की बड़ी कदर है लोगों में मगर
जज्बे को मेरे साथ ही मर जाना है

ghar se ye soch ke nikla huun ki mar jaana hai
ab koi raah dikha de ki kidhar jaana hai


jism se saath nibhane ki mat ummid rakho
is musafir ko to raste men Thahar jaana hai
maut lamhe ki sada zindagi umron ki pukar
main yahi soch ke zinda huun ki mar jaana hai
nashsha aisa tha ki mai-ḳhane ko duniya samjha


hosh aaya to ḳhayal aaya ki ghar jaana hai
mire jazbe ki badi qadr hai logon men magar
mere jazbe ko mire saath hi mar jaana hai

love shayari by rahat indori

अंदर का जहर चूम लिया धूल के आ गए
कितने शरीफ लोग थे सब खुल के आ गए
सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवकूफ
सारे सिपाही मोम के थे घुल के आ गए


मस्जिद में दूर-दूर कोई दूसरा ना था
आईने को मजे भी तकबुल के आ गए
अनजाने से फिरने लगे हैं इधर-उधर
मौसम हमारे शहर में काबुल के आ गए

andar ka zahr chuum liya dhul ke aa gae
kitne sharif log the sab khul ke aa gae
suraj se jang jitne nikle the bevaquf
saare sipahi mom ke the ghul ke aa gae
masjid men duur duur koi dūsra na tha


ham aaj apne aap se mil-jul ke aa aa gae
nindon se jang hoti rahegi tamam umr
ankhon men band khvab agar khul ke aaaa gae
suraj ne apni shakl bhi dekhi thi pahli baar
aine ko maze bhi taqabul ke aa aa gae


anjane saa.e phirne lage hain idhar udhar
mausam hamare shahr men kabul ke aa gae

rahat indori shayari sabhi ka khoon shamil

सभी का ख़ून है शामिल यहां की मिट्टी में,
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है

अजनबी ख़्वाहिशें , सीने में दबा भी न सकूँ |
ऐसे ज़िद्दी हैं परिंदे ,  कि उड़ा भी न सकूँ ||

आँख में पानी रखो , होंटों पे चिंगारी रखो |
ज़िंदा रहना है तो , तरकीबें बहुत सारी रखो ||

रोज़ तारों को नुमाइश  में , खलल पड़ता हैं |
चाँद पागल हैं , अंधेरे में निकल पड़ता हैं ||

उसकी याद आई हैं , साँसों ज़रा धीरे चलो |
धड़कनो से भी इबादत में ,  खलल पड़ता हैं ||

ये हादसा तो किसी दिन , गुज़रने वाला था |
मैं बच भी जाता तो , इक रोज़ मरने वाला था ||

ना त-आरूफ़ ना त-अल्लुक हैं , मगर दिल अक्सर |
नाम सुनता हैं , तुम्हारा तो उछल पड़ता हैं ||

अंदर का ज़हर चूम लिया , धुल के आ गए |
कितने शरीफ़ लोग थे , सब खुल के आ गए ||

दो गज सही ये  , मेरी मिलकियत तो हैं |
ऐ मौत तूने मुझे  , ज़मीदार कर दिया ||

rahat indori shayari Mujhse pehale wo

मुझसे पहले वो किसी और की थी , मगर कुछ शायराना चाहिए था |
चलो माना ये छोटी बात है , पर तुम्हें सब कुछ बताना चाहिए था ||

अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं
पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं

आँखों में पानी रखों, होंठो पे चिंगारी रखो
जिंदा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो
राह के पत्थर से बढ के, कुछ नहीं हैं मंजिलें
रास्ते आवाज़ देते हैं, सफ़र जारी रखो

जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए
काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए
दूर हम कितने दिन से हैं, ये कभी गौर किया
फिर न कहना जो अमानत में खयानत हो जाए

गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम  क्या क्या हैं
में आ गया हु बता इंतज़ाम क्या क्या हैं
फ़क़ीर, शाह, कलंदर, इमाम क्या क्या हैं
तुझे पता नहीं तेरा गुलाम क्या क्या हैं

कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते  हैं
कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं
ये केचियाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी
की हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं

हर एक हर्फ़ का अंदाज़ बदल रखा हैं
आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रखा हैं
मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया
मेरे कमरे में भी एक “ताजमहल” रखा हैं

rahat indori shayari lyrics in hindi

जवानिओं में जवानी को धुल करते हैं
जो लोग भूल नहीं करते, भूल करते हैं
अगर अनारकली हैं सबब बगावत का
सलीम हम तेरी शर्ते कबूल करते हैं

इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए
फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए


सरहदों पर तनाव हे क्या
ज़रा पता तो करो चुनाव हैं क्या
शहरों में तो बारूदो का मौसम हैं
गाँव चलों अमरूदो का मौसम हैं

लवे दीयों की हवा में उछालते रहना
गुलो के रंग पे तेजाब डालते रहना
में नूर बन के ज़माने में फ़ैल जाऊँगा
तुम आफताब में कीड़े निकालते रहना


जुबा तो खोल, नज़र तो मिला,जवाब तो दे
में कितनी बार लुटा हु, मुझे हिसाब तो दे
तेरे बदन की लिखावट में हैं उतार चढाव
में तुझको कैसे पढूंगा, मुझे किताब तो दे


सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान रहे
चले चलो की जहाँ तक ये आसमान  रहे
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे

dr rahat indori shayari in hindi lyrics

उसकी कत्थई आंखों में हैं जंतर मंतर सब
चाक़ू वाक़ू, छुरियां वुरियां, ख़ंजर वंजर सब


जिस दिन से तुम रूठीं,मुझ से, रूठे रूठे हैं
चादर वादर, तकिया वकिया, बिस्तर विस्तर सब


मुझसे बिछड़ कर, वह भी कहां अब पहले जैसी है
फीके पड़ गए कपड़े वपड़े, ज़ेवर वेवर सब

जा के कोई कह दे, शोलों से चिंगारी से
फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से


बादशाहों से भी फेके हुए सिक्के ना लिए
हमने खैरात भी मांगी है तो खुद्दारी से


बन के इक हादसा बाज़ार में आ जाएगा
जो नहीं होगा वो अखबार में आ जाएगा

चोर उचक्कों की करो कद्र, की मालूम नहीं
कौन, कब, कौन सी  सरकार में आ जाएगा

लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यों हैं
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं
मोड़  होता हैं जवानी का संभलने  के लिए
और सब लोग यही आके फिसलते क्यों हैं


साँसों की सीडियों से उतर आई जिंदगी
बुझते हुए दिए की तरह, जल रहे हैं हम
उम्रों की धुप, जिस्म का दरिया सुखा गयी
हैं हम भी आफताब, मगर ढल रहे हैं हम


इश्क में पीट के आने के लिए काफी हूँ
मैं निहत्था ही ज़माने  के लिए काफी हूँ
हर हकीकत को मेरी, खाक समझने वाले
मैं तेरी नींद उड़ाने के लिए काफी हूँ
एक अख़बार हूँ, औकात ही क्या मेरी
मगर शहर में आग लगाने के लिए काफी हूँ


दिलों में आग, लबों पर गुलाब रखते हैं
सब अपने चहेरों पर, दोहरी नकाब रखते हैं
हमें चराग समझ कर भुझा ना पाओगे
हम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैं

Ab Na Main Hun, Na Baaki Hai Zamane Mere,
Fir Bhi MashHoor Hain Shaharon Mein Fasane Mere,
Zindagi Hai Toh Naye Zakhm Bhi Lag Jayenge,
Ab Bhi Baaki Hain Kayi Dost Puraane Mere.

rahat indori dosti shayari


अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे​,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।

Loo Bhi Chalti Thi Toh Baad-e-Shaba Kehte The,
Paanv Failaye Andheron Ko Diya Kehte The,
Unka Anjaam Tujhe Yaad Nahi Hai Shayad,
Aur Bhi Log The Jo Khud Ko Khuda Kehte The.


लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे,
पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे,
उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद,
और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे।

Haath Khali Hain Tere Shahar Se Jate Jate,
Jaan Hoti Toh Meri Jaan Lutate Jate,
Ab Toh Har Haath Ka Patthar Humein Pehchanta Hai,
Umr Gujri Hai Tere Shahar Mein Aate Jate.

rahat indori sad shayari in hindi


हाथ ख़ाली हैं तेरे शहर से जाते जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते।

Chehron Ke Liye Aayine Kurbaan Kiye Hain,
Iss Shauk Mein Apne Bade Nuksaan Kiye Hain,
Mehfil Mein Mujhe Gaaliyan Dekar Hai Bahut Khush,
Jis Shakhs Par Maine Bade Ehsaan Kiye Hain.


चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं,
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं,​
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश​,
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।

Teri Har Baat Mohabbat Mein Ganwara Karke,
Dil Ke Bajaar Mein Baithe Hain Khasaara Karke,
Main Woh Dariya Hun Ke Har Boond Bhanwar Hai Jiski,
Tumne Achha Hi Kiya Hai Mujhse Kinaara Karke.


​तेरी हर बात ​मोहब्बत में गँवारा करके​,
​दिल के बाज़ार में बैठे हैं खसारा करके​,
​मैं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भंवर है जिसकी​,​​
​तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।

बुलाती है मगर (rahat indori bulati hai Magar Jane ka nahi)

बुलाती है मगर जाने का नहीं
ये दुनिया है इधर जाने का नहीं
मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर
मगर हद से गुज़र जाने का नहीं
ज़मीं भी सर पे रखनी हो तो रखो
चले हो तो ठहर जाने का नही
सितारे नोच कर ले जाऊंगा
मैं खाली हाथ घर जाने का नहीं
वबा फैली हुई है हर तरफ
अभी माहौल मर जाने का नहीं
वो गर्दन नापता है नाप ले
मगर जालिम से डर जाने का नहीं

वबा = महामारी।
नइ = नइ का मतलब यहाँ ‘नहीं’ से है।
कुशादा ज़र्फ़ = फैलने की क्षमता।

Rahat Indori Bulati Hai Lyrics in English


Bulati hai magar jaane ka nai
Ye duniya hai idhar jaane ka nai
Mere bete kisi se ishq kar
Magar had se gujar jaane ka nai
Kushaada zarf hona chahiye
Chhalak jaane ka bhar jaane ka Nai
Sitare noch kar le jaaunga
Mein khali haath ghar jaane waala nai
Waba faili hui hai har taraf
Abhi maahaul mar jaane ka nai
Wo gardan naapta hai, naap le
Magar zaalim se dar jaane ka nai

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